आदिमानव का इतिहास -
उत्तराखंड यूँ तो बहुत खूबसूरत जगह है यहां की खूबसूरत हवायें, पहाड़, पानी इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा देते है
पर उत्तराखंड पौराणिक काल में आदिमानव के रहने के लिए एक बहुत अच्छी जगह थी
अल्मोड़ा में पेटशाम के नजदीक लखुड़ियार में आदिमानव की बनायीं गयी चित्रकारी मिलती है
पुराने ज़माने में जब आदिमानव गुफाओं में रहता था तब के मानव द्वारा बनाए गए चित्र हमें बहुत कुछ बताते है
इन चित्रों से साफ़ समझ में आता है कि आदिमानव उस समय कैसे अपना जीवन जीता था
उसमे शिकार करने के बहुत सारे चित्र है जिससे पता चलता है
की उस समय का मानव अभी तक मांसाहारी ही था वो अभी सामाजिक मानव नही बना था
उसमे निर्त्य करने की भी तस्बीर है जिससे पता चलता है की उस समय का मानव तयोहार मनाता था
उस समय का मानव हिरन का शिकार बहुत ज्यादा करता था वह सर पर सिंग जेसा मुकुट पहनता था
और उसके पास पत्थर और लकड़ी से बने घातक हथियार होते थे जिससे उसे शिकार करने में बहुत आसानी होती थी
जंगली जानवरों से बचने के लिए ओह गुफाओ में रहता था और गुफाओ के बाहर आग जला के रखता था
उत्तराखंड यूँ तो बहुत खूबसूरत जगह है यहां की खूबसूरत हवायें, पहाड़, पानी इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगा देते है
पर उत्तराखंड पौराणिक काल में आदिमानव के रहने के लिए एक बहुत अच्छी जगह थी
अल्मोड़ा में पेटशाम के नजदीक लखुड़ियार में आदिमानव की बनायीं गयी चित्रकारी मिलती है
पुराने ज़माने में जब आदिमानव गुफाओं में रहता था तब के मानव द्वारा बनाए गए चित्र हमें बहुत कुछ बताते है
इन चित्रों से साफ़ समझ में आता है कि आदिमानव उस समय कैसे अपना जीवन जीता था
उसमे शिकार करने के बहुत सारे चित्र है जिससे पता चलता है
की उस समय का मानव अभी तक मांसाहारी ही था वो अभी सामाजिक मानव नही बना था
उसमे निर्त्य करने की भी तस्बीर है जिससे पता चलता है की उस समय का मानव तयोहार मनाता था
उस समय का मानव हिरन का शिकार बहुत ज्यादा करता था वह सर पर सिंग जेसा मुकुट पहनता था
और उसके पास पत्थर और लकड़ी से बने घातक हथियार होते थे जिससे उसे शिकार करने में बहुत आसानी होती थी
जंगली जानवरों से बचने के लिए ओह गुफाओ में रहता था और गुफाओ के बाहर आग जला के रखता था




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